Monday 30 December 2013

वर्तमान किस तरह परिवर्तित हो गया है


वर्तमान किस तरह परिवर्तित हो गया है


वर्तमान किस तरह परिवर्तित हो गया है
टीचर आज का टयूटर हो गया है

जनता का रक्षक, भक्षक हो गया है
वर्तमान किस तरह परिवर्तित हो गया है

मानव आज का, दानव  हो गया है
सुविचार, कुविचार में परिवर्तित हो गया है

गार्डन अब युवाओं के दिल गार्डन – गार्डन करने लगे हैं
चौराहे - तिराहे लवर पॉइंट बनने लगे हैं

आज का शिक्षक, शिष्या पर लट्टू हो गया है
गुरु - चेले का रिश्ता भ्रामक हो गया है

स्त्रियों की संख्या, पुरुषों से कमतर हो गयी है
सभ्यता लुप्त प्रायः सी हो गयी है

समाज का पतन, देश का पतन हो गया है
चरित्र का पतन, आस्था का पतन हो गया है

लुंगी को छोड़, जीन्स का चलन हो गया है
कपड़े  छोटे हो गए हैं तन का दिखावा शुरू हो गया है

लडकियां, लड़कों सी दिखने लगी हैं लड़के, लड़कियों से दिखने लगे हैं
चारों ओर ब्यूटी पार्लर का चलन हो गया है

वर्तमान किस तरह परिवर्तित हो गया है
वर्तमान किस तरह परिवर्तित हो गया है

Sunday 29 December 2013

वक़्त कभी नाकाम नहीं होता



वक़्त कभी नाकाम नहीं होता

वक़्त कभी नाकाम नहीं होता
दिल दरिया कभी वीरान नहीं होता

जख्म खाए नहीं जिसने जमाने में
सदियाँ लगीं उसे मुस्कराने में

वक़्त का इन्तजार ना कर जालिम
वक़्त किसी का इंतज़ार नहीं करता

वक़्त को कैद कर अपना बना ले
गया वक़्त दुबारा नहीं मिलता

इतिहास लिख धरा पर
वक़्त के माथे पर तिलक बन

वक़्त की कद्र करना सीख ले तू
वक़्त के आँचल में पलना सीख ले तू

वक़्त का दामन जो तूने छोड़ा तो
हर प्रयास तेरा नाकाम होगा

वक़्त के साए में जीना सीख ले तू
वक़्त के पालने में जीना सीख ले तू

बना वक़्त को चिरपरिचित मित्र अपना
वक़्त से सगा कोई मित्र नहीं होता


मंजिल


मंजिल
एक संकरी
गले में
कठिन रास्ते पर
आगे बढ़ता हुआ
अँधेरे में
उजाले को टटोलता
मंजिल पाने की चाह में
बढ़ता जा रहा हूँ मैं
दृढ़ इच्छा शक्ति
मुझे
आगे की ओर
बढ़ने को
प्रेरित करती है
मुझे सफल होना ही है
ये विचार
मुझे बल देते हैं
ऊर्जा देते हैं
मैं वीर्यवान , शक्तिमान
के साथ – साथ
ज्ञानवान बन
देदीप्यमान बन
अग्रसर हो
पथ पर
बढ़ता जा रहा हूँ
समय पर
कुछ न छोड़
समय को
स्वर्णिम अवसर में
परिवर्तित करने को उत्सुक
बिना विचलित हुए
इतिहास
रचने की ओर
अग्रसर हो रहा हूँ मैं
ध्रुव नहीं मैं
किंचित उसकी ही तरह
उस आसमां पर
चमकने की चाह में
सफलता की सीढियां
चढ़ने की
कोशिश में
आगे बढ़ रहा हूँ मैं
तुम भी
अपने प्रयास से
गढ़ सको तो
गढो इतिहास
बना दो
इस धरा को
प्रकाशवान
मुक्त कर
नभाक से
फैला चांदनी
इस धरा को
जीवनदायिनी
बना दो
कुछ पुष्प खिला दो
कुछ रंग भर दो
चहुँ ओर
प्रेममय शांति कर दो
प्रेममय शांति कर दो
प्रेममय शांति कर दो