Wednesday 22 February 2017

दो वक्त की नमाज़


दो वक्‍त की नमाज़

दो वक्‍त की नमाज़ से , यूं नाफर्मानी न कर
इबादत से यूं आँखें न फेर , अपनी जिन्दगी को यूं जहन्नुम न कर |

अपने अरमानों में  न डूब, इंसानियत की राह से यूं मुंह न मोड़
जिन्दगी चार दिनों का मेतरा, यूं खुद से तू बेईमानी न कर |

खुद से खुद का परिचय कर, खुद से तू यूं मुँह न फेर
ये जिन्दगी है एक अनमोल्र तोहफा, उस खुदा की नाफर्मानी न कर |

किस्सा न हो जाए ये जिन्दगी , कोई तो ऐसी कोशिश कर
खुद पर न पछताए एक दिन, यूं खुद से तू बेईमानी न कर |

चाँद और तारों को आसमां से तोड़ तने के रूवाब न देख
चाँद तारे नसीब होंगे तुझे , अपनी कोशिशों से यूं बेईमानी न कर |

किसी की बेबसी को देख अनदेखा न कर, खुद पर तू इतना न इतरा
इंसानियत की राह से मुंह न फेर, खुद को तू यूं बेबस न कर |

अपनी कोशिशों को उस खुदा के करम का समंदर समझ
रोशन होगी शख्सियत तेरी भी, उस खुदा पर एतबार तो कर |

दो वक्‍त की नमाज़ से , यूं नाफर्मानी न कर
इबादत से यूं आँखें न फेर , अपनी जिन्दगी को यूं जहन्नुम न कर |

अपने अरमानों में  न डूब, इंसानियत की राह से यूं मुंह न मोड़
जिन्दगी चार दिनों का मेतरा, यूं खुद से तू बेईमानी न कर | |




Tuesday 14 February 2017

जीना है तो लड़ना सीखो


जीना है तो लड़ना सीखो

जीना है तो लड़ना सीखो , देश के हित कुछ करना सीखो
गली--गली उजियारा फैले, ऐसे प्रयास तुम करना सीखो

 सीमाओं के बंधन तोड़ो , देश प्रेम हित रिश्ते जोड़ो
भाषा का ये बंधन कैसा, देश प्रेम में बंधना सीखो

राजनीति से ऊपर उठकर, देश प्रेम हित मरना सीखो
कुर्सी का ये बंधन कैसा, देश प्रेम मर्यादा सीखो

नारी को वस्तु न समझो, बाज़ारों से नाता तोड़ो
तन पर उसके नज़र न फेरो, देवी सा तुम उसको पूजो

प्रकृति से करो आलिंगन, पौँधों से श्रृंगार करो
हो जाए ये धरती उपवन, इसकी सच्ची संतान बनो.
विलासिता से ऊपर उठकर, आध्यात्म की राह पर बढ़ना सीखों

पावन हो जाए धरा यह, आदर्शों से नाता जोड़ो
बच्चों में संस्कार जगाओ, परिवार हित जीना सीखो

'तूफानों से डरना कैसा , दिल में जोश जगाना सीखो
ऑधियों से भय हो कैसा, मानवता हित मरना सीखो

मृत्यु का जीवन में भय कैसा, जीवन को जीवन सा
जीना सीखो
जीवन को तुम पूँजी कर लो, मोक्ष राह पर बढ़ना सीखो

जीवन चार दिनों का मेला, मर्यादा में रहना सीखो
जीना है तो लड़ना सीखो, देश प्रेम हित मरना सीखो

जीना है तो लड़ना सीखो , देश के हित कुछ करना सीखो
गली--गली उजियारा फैले, ऐसे प्रयास तुम करना सीखो

 सीमाओं के बंधन तोड़ो , देश प्रेम हित रिश्ते जोड़ो
भाषा का ये बंधन कैसा, देश प्रेम में बंधना सीखो