Monday 9 October 2017

मुक्तक

१.

जिन्दगी में कुछ के , ऐसे भी आते हैं 

दे जाते हैं कुछ सिला, जिन्दगी संवार जाते हैं

२.


कुछ  प्रयास तुम करो , कुछ प्रयास
मैं करूं

चलो इस जहां को . महब्बत का
सिला दे चले


3.

किसी की तनहा रातों को , दो पल
की ख़ुशी अता कर देख

तेरे इस प्रयास और तुझ पर होगा
उस खुदा का करम

4.


सका एक सच्चे दोस्त की, कर रहा
हूँ मैं

खुद को हर एक रोज मुसीबतों के
समंदर में, धकेल रहा हूँ मैं


5.

फूल पत्तों से दो पल  के लिए ही
सही, बात कर देखो

जिन्दगी के थपेड़ों से लड़ने का,
सिला मिलेगा तुझको